मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के बारे में जनकारी।

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है। इस योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 3 अगस्त 2018 को किया।वैसे बिहार सरकार ने अप्रैल 2018 से इस योजना को अधिकारिक तौर पर लागू कर दिया था।

उद्देश्य और लक्ष्य

राज्य सरकार ने बाल कन्या विवाह रोकने के प्रमुख पहल के रूप में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की शुरुआत की है इस योजना का उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या रोकना, कन्याओं के जन्म निबंधन और संपूर्ण टीकाकरण को प्रोत्साहित करना, अनुपात में वृद्धि लाना, बालिका शिशु मृत्यु को कम करना,बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना, बाल विवाह पर अंकुश और कूल प्रजनन दर में कमी लाना, भी सम्मिलित है इस योजना का लक्ष्य बालिकाओं को शिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाना सम्मान पूर्वक जीवन यापन करने का अवसर प्रदान करना और और परिवार एवं समाज में उनके आर्थिक योगदान बढ़ावा आदि देना है।

लाभ और राशि

इस योजना के अंतर्गत जन्म से लेकर स्नातक तक लड़कियों को ₹54100 प्रदान किया जाता है। ₹2000 कन्या के जन्म पर ₹1000 करने के 1 वर्ष पूरे होने पर ₹2000 कन्या के 2 वर्ष पूरे होने पर 600 प्रति वर्ष 10000 इंटर पास करने पर अविवाहित को जो बढ़ाकर 25000 कर दी गई है।

25000 स्नातक उत्तीर्ण करने पर अब बढ़ाकर ₹50000 हो गया है।  तथा ₹300 वर्ष 7 12 तक की राशि प्रतिवर्ष सेनेटरी नैपकिन हेतु दिया जाता है।हालांकि वर्ष 2020 में इस योजना में वृद्धि की गई है।मुख्यमंत्री बालिका स्नातक प्रोत्साहन योजना की राशि राज्य सरकार ने 25000 से बढ़ाकर 50000 कर दिया है वहीं इंटर पास अविवाहित लड़कियों को ₹10000 स्थान पर ₹25000 मिलेगी।

पात्रता योग्यता

इस योजना के लिए वही कन्या पात्र होगी जो बिहार राज्य के मूल निवासी है गरीब घर की है और जिसके घर का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है इस योजना का लाभ एक परिवार की दो बेटियां ही उठा सकती है।

जरूरी दस्तावेज

आधार कार्ड बैंक खाता पासबुक वोटर आईडी कार्ड इंटर एवं स्नातक का मार्कशीट मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो इस योजना के आवेदन के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज है।

बिहार में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना राज्य के लड़कियों के लिए शैक्षणिक सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का वाहक बनेगा।  राज्य की हर लड़की अपनी आगे की पढ़ाई पूरी कर सकेगी। उसका जीवन स्तर उठेगा। लिंगभेद में कमी आएगी और अपने स्वास्थ्य के प्रति भी ध्यान दे सकेगी। 

 

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