राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान क्या है। इसका संपूर्ण जानकारी प्राप्त करें।

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान क्या है। इसका संपूर्ण जानकारी प्राप्त करें।

* केंद्रीय बजट 2016-17 के सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पंचायती राज संस्थाओं की क्षमता वृद्धि के लिए राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान की घोषणा की गई थी।देश भर में व्याप्त गरीबी,सार्वजनिक स्वास्थ्य,पोषण,शिक्षा, लैंगिक असमानता,स्वच्छता, पेयजल, अजीविका का सृजन आदि जैसी अस्थानीय विकास की चुनौतियां हमारे समक्ष हैं,जो एस0डी0जी0 के साथ समन्वित हैं और पंचायतों के दायरे में आती है।इसलिए वर्ष 2030 तक संयुक्त राष्ट्रीय के कार्यनवायं के लिए पंचायतों को एक प्रमुख हित धारक के रूप में नामित किया गया है। आकांक्षी जिलों और मिशन अंत्योदय कलेक्टर में पंचायतों के लिए भी प्रमुख भूमिका की कल्पना की है।

*आर0जी0एस0ए0 को राज्य और केंद्रीय शेयरों के साथ वर्ष 2018 से 21 22 तक चार वर्षों के लिए  कोर केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू करने का प्रस्ताव है।केंद्रीय और राज्य घटक के लिए साझा अनुपात पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यो को छोड़कर,  अनुपात 6040 होगा। वही पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों में यह अनुपात 9010 होगा।सभी संघ राज्य क्षेत्र राज्य क्षेत्रों के लिए केंद्रीय हिस्सा शत प्रतिशत यानी, 100% होगा।प्रस्तावित योजना की कुल लागत 7255 करोड़ रुपए है। इसमें 4500 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिसा और 2755 करोड़ रुपए राज्य का हिस्सा है।केंद्रीय घटक में राष्ट्रीय स्तर की गतिविधियां सहित तकनीकी सहायक की राष्ट्रीय योजना अकाद मिक संस्थान /उत्कृष्टता के संस्थान के सहयोग ई-पंचायत मिसन मोड प्राजेक्ट् और पंचायतो का प्रोत्साहनीकरण शामिलहै।

* पंचायतों को प्रभावी रूप से कार्य करने हेतु सक्षम बनाने के लिए क्षमतावृद्धि के प्रयासों की आवश्यकता है,ताकि वे एस0डी0जी0और अन्य विकास के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।

*आर0जी0एस0ए0 स्थानीय स्वशासन की इकाइयों की क्षमतावृद्धि का लक्ष्य रखता है,ताकि उन्हें स्थानीय विकास संबंधी आवश्यकताओं के प्रति अधिक जवाबदेह बनाया जा सके और साथ ही उन्हें उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग करते हुए स्थानीय समस्याओं के निवारण हेतु एस0डी0जी0 से जुड़े हुए स्थाई समाधान हेतु सहभागितापूर्ण योजना का निर्माण करने के लिए सशक्त बनाया जा सके। 

उद्देश्य

* सतत विकास के लक्ष्यों(एस0डी0जी0) की प्राप्ति के लिए पंचायती राज संस्थाओं की क्षमता वृद्धि।

* उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग करते हुए एवं राष्ट्रीय महत्व वाली समस्याओं के निवारण हेतु विभिन्न योजनाओं का अभिसरण करते हुए समावेशी स्थानीय शासन हेतु पंचायतों की क्षमता वृद्धि

* राजस्व के अपने स्रोतों को बढ़ाने के लिए पंचायतों की क्षमता को बढ़ाना।

* ग्राम सभा को लोगों की भागीदारी,पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के जमीनी स्तर के रूप में सुदृढ़ करना।

* भारतीय संविधान और PESA अधिनियम 1996 की भावनाओं के अनुसार पंचायतों को शक्तियों और जिम्मेदारियों के अंतरण को बढ़ावा देना।

* पी0आर0आई0 के क्षमता वर्धन और हैंडहोल्डिंग के लिए उत्कृष्ट संस्थानों का नेटवर्क विकसित करना।

* विभिन्न स्तरों पर पीआरआई की क्षमता वृद्धि के लिए संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण और उन्हें आधारभूत संरचना,सुविधाओं, मानव संसाधनो और परिणाम आधारित प्रशिक्षण मे गुणवत्ता प्राप्त करने में सक्षम बनाना।

* प्रशासनिक क्षमता और बेहतर सेवा वितरण के लिए पंचायतों में सुशासन लाने हेतु ई- गवर्नेस्और प्रौद्योगिकी करो औद्योगिक संचालित समाधान को बढ़ावा देना।

* प्रदर्शन के आधार पर पंचायती राज संस्थानों की पहचान कर उन्हें प्रोत्साहित करना।

 

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